सुगम और समावेशी निर्वाचन की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग के 18 नए नवाचार

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बिलासपुर, 24मई 2025:
भारत निर्वाचन आयोग ने देश में निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक सुगम, पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में बीते तीन महीनों के भीतर 18 नवीन नवाचारों की शुरुआत की है। इन नवाचारों का उद्देश्य मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने से लेकर निर्वाचन कार्मिकों के सशक्तीकरण और राजनीतिक दलों की सहभागिता को बढ़ावा देना है।

इन पहलों के अंतर्गत एक प्रमुख निर्णय के तहत अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है। साथ ही ऊंची इमारतों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया को और अधिक सटीक बनाने के लिए अब मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) से प्राप्त कर सत्यापन के बाद उपयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मतदाता सूचना पर्चियों को और अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल बनाने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं, जिसमें क्रमांक और भाग संख्या स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाएगी।

राजनीतिक दलों की भागीदारी को सशक्त करने के लिए आयोग ने देशभर में 4719 बैठकों का आयोजन किया है, जिसमें 28 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ ही, बूथ स्तरीय एजेंटों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

प्रक्रियात्मक सुधारों के तहत आयोग ने ‘ईसीआईनेट’ नामक एक नया एकीकृत डैशबोर्ड लॉन्च किया है, जिसमें 40 से अधिक एप्लिकेशन एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। साथ ही डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर की समस्या को दूर करने के लिए विशिष्ट ईपीआईसी प्रणाली भी शुरू की गई है।

मतदाता, राजनीतिक दल, निर्वाचन अधिकारी समेत कुल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान कर उनके लिए अधिनियमों एवं नियमों पर आधारित प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।

निर्वाचन स्टाफ के सशक्तीकरण के लिए नई दिल्ली स्थित आईआईआईडीईएम में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अब तक 3000 से अधिक पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण मिल चुका है, जबकि अगले कुछ वर्षों में एक लाख से अधिक बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार के पुलिस अधिकारियों को भी निर्वाचन से जुड़े सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया है।

मुख्यालय स्तर पर भी कार्यप्रणाली में सुधार करते हुए ई-ऑफिस और बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं।

भारत निर्वाचन आयोग के ये नवाचार न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक मजबूती प्रदान करेंगे।


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