कापू में नोटरी नियुक्ति पर बवाल, स्थानीय अधिवक्ता दरकिनार

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📍 कापू, रायगढ़ | विशेष रिपोर्ट | Khabar36Garh

कापू तहसील में नोटरी पद पर बाहरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति पर भड़का जन आक्रोश, स्थानीय अधिवक्ताओं के साथ हुआ अन्याय!

🗓️ रिपोर्ट दिनांक: 02 अगस्त 2025
✍️ रिपोर्ट: Khabar36Garh ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की कापू तहसील में नोटरी पद पर बाहरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर भारी असंतोष और जन आक्रोश सामने आया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सरपंचों, जनपद व जिला पंचायत सदस्यों समेत आम नागरिकों ने इस नियुक्ति को विधि विरुद्ध, क्षेत्रीय अधिकारों का उल्लंघन और जनहित के प्रतिकूल करार दिया है।

👉 मामला क्या है?

तहसील कापू में नोटरी के दो पदों पर नगर पंचायत धरमजयगढ़ (वार्ड क्र.11) के अधिवक्ताओं —

1. श्री पिन्टु प्रसाद सोनी,


2. श्री विवेकानंद शुक्ला —
की नियुक्ति 15 जुलाई 2025 को की गई है।



दोनों अधिवक्ताओं का स्थायी निवास धरमजयगढ़ तहसील में है। ग्रामीणों का आरोप है कि इन नियुक्तियों के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप और नियमों की अनदेखी हुई है।

📣 क्यों उठी विरोध की आवाज़?

कापू से धरमजयगढ़ की दूरी लगभग 35 किमी है, जो एक आदिवासी एवं दुर्गम क्षेत्र के लिए बड़ी बाधा है।

आम नागरिकों को बार-बार धरमजयगढ़ जाकर नोटरी कार्य कराना होगा, जिससे समय, पैसा और मानसिक परेशानी बढ़ेगी।

कापू तहसील के स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मनोज कुमार डनसेना, जो ग्राम कुमरता के निवासी हैं, ने वर्ष 2023 में नोटरी पद के लिए विधिवत आवेदन किया था, उनका साक्षात्कार भी हुआ, फिर भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।


⚖️ नियमों की अनदेखी?

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि:

> “नोटरी नियुक्ति अधिनियम 1956 और नोटरी नियमों के अनुसार, प्राथमिकता स्थानीय अधिवक्ताओं को दी जानी चाहिए थी। यह नियुक्ति न केवल जनविरोधी है, बल्कि विधिसम्मत प्रक्रिया के भी खिलाफ है।”



💬 जनप्रतिनिधियों की मांग

दोनों बाहरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति को तत्काल निरस्त किया जाए।

स्थानीय अधिवक्ता श्री मनोज कुमार डनसेना को नोटरी पद पर नियुक्त किया जाए।

यदि न्याय नहीं मिला, तो उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी।


🧾 क्षेत्रीय परिस्थितियाँ

तहसील कापू में 60 गांव व 20 हल्का पटवारी हैं,

अनुमानित जनसंख्या 1.5 से 2 लाख के बीच है,

यह क्षेत्र आदिवासी बहुल और गरीबीग्रस्त है,

ऐसी स्थिति में, दूरस्थ नोटरी सेवा एक जनविरोधी निर्णय मानी जा रही है।


⚠️ चेतावनी

क्षेत्रवासियों ने स्पष्ट कहा है कि:

> “यदि 15.07.2025 की अधिवक्ताओं की नियुक्ति को निरस्त नहीं किया गया, तो हम माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। इस संघर्ष की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।”






📢 Khabar36Garh का निष्कर्ष:
कापू तहसील में नोटरी पद की नियुक्ति को लेकर उठ रही आवाज़ें अब आंदोलन का रूप लेती जा रही हैं। प्रशासनिक गलती या राजनीतिक हस्तक्षेप – जो भी हो, अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो यह मामला जल्द ही न्यायिक लड़ाई में तब्दील हो सकता है।

📲 अधिक अपडेट्स के लिए जुड़े रहें — Khabar36Garh के साथ।

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