बाल संरक्षण आयोग ने स्कूलों में बच्चों की प्रताड़ना रोकने दिए दिशा-निर्देश

Uncategorized



बिलासपुर, 09 मई 2025।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के निजी स्कूलों में बच्चों के साथ हो रही प्रताड़नाओं की खबरों को गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाए हैं। आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर बाल अधिकार आयोग अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत दिशा-निर्देशों का पालन कराने की सिफारिश की है।

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी श्री अनिल तिवारी ने जानकारी दी कि आयोग को दूरभाष और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से यह शिकायतें प्राप्त हुईं कि कुछ निजी स्कूलों में बच्चों एवं उनके अभिभावकों को अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इनमें व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर करना, अभिभावकों द्वारा फीस न जमा करने पर बच्चों को अपमानित करना, जैसी घटनाएं शामिल हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों को सीधे तौर पर न टोका जाए और न ही उनके साथ कोई अपमानजनक व्यवहार किया जाए। फीस विवाद या अन्य किसी समस्या की स्थिति में स्कूल प्रबंधन को संयम और सम्मान के साथ पैरेंट्स मीटिंग आयोजित कर समाधान निकालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी स्कूल शिक्षकों को अपने आचरण, व्यवहार और पत्राचार में आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए, क्योंकि सभी अभिभावक एक जैसे नहीं होते।

फिलहाल ऐसी कोई लिखित शिकायत आयोग को प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए आयोग ने बाल अधिकार आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13(घ), 13(च) और धारा 15 के तहत यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बाल संरक्षण आयोग का यह कदम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और गरिमा की रक्षा के लिए एक सराहनीय पहल माना जा रहा है।


[रिपोर्ट: न्यूज़ पोर्टल डेस्क, बिलासपुर]
(इस समाचार को अपने सोशल मीडिया पर साझा करें और अपनी राय जरूर बताएं।)


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *