कच्चे घर से पक्के आशियाने तक : गंगोत्री बाई नेताम की कहानी

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पूरा हुआ पक्के आवास का सपना, जताया मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार

बिलासपुर, 9 मई 2025।
सरकारी योजनाएं जब ज़मीन पर सही ढंग से लागू होती हैं, तब वे आम जनजीवन में असाधारण बदलाव ला सकती हैं। ग्राम लिमतरा की गंगोत्री बाई नेताम की कहानी इसका एक जीवंत उदाहरण है। वर्षों तक गरीबी और संघर्ष के बीच जीवन बिताने वाली गंगोत्री आज जब अपने पक्के घर के आंगन में खड़ी होती हैं, तो उनकी आंखों में सुकून और चेहरे पर मुस्कान साफ झलकती है।

गंगोत्री बाई ने बताया कि वह वर्षों पहले अपने ससुराल से परेशान होकर मायके लिमतरा आ गई थीं। बाद में उनके पति भी यहीं आ बसे और मजदूरी कर बच्चों का पालन-पोषण करने लगे। उनका अधिकांश जीवन एक कच्चे घर में बीता, जहां बारिश में पानी टपकता, गर्मी में दीवारें तपतीं और सर्दियों में ठंडी हवाएं घर में घुस जाती थीं। आर्थिक तंगी के कारण पक्का घर बनवाना सिर्फ एक सपना बनकर रह गया था।

लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें जब पक्का मकान मिला, तो उनकी वर्षों पुरानी चिंता खत्म हो गई। हाल ही में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री तोखन साहू द्वारा उन्हें घर की चाबी सौंपी गई। यह पल गंगोत्री और उनके परिवार के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं था। गंगोत्री बाई भावुक होकर कहती हैं, “सरकार ने जो किया, वह मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”

केवल आवास योजना ही नहीं, बल्कि गंगोत्री को महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है, जिससे वह अपनी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी कर पा रही हैं। साथ ही, उनका श्रम कार्ड भी बना है, जिसके तहत उनकी 12वीं में पढ़ रही बेटी को ₹20,000 की आर्थिक सहायता जल्द ही प्राप्त होने वाली है।

गंगोत्री बाई ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “उनके नेतृत्व में जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, वे वास्तव में गरीबों तक पहुंच रही हैं और उनके जीवन में बदलाव ला रही हैं।”

सरकारी योजनाओं के प्रभावशाली क्रियान्वयन से गंगोत्री जैसी कई महिलाओं के जीवन में आशा की किरण जागी है, और यह कहानी बताती है कि सही दिशा में किया गया प्रयास किस तरह आम जन की जिंदगी को सवार सकता है।


(रिपोर्ट: न्यूज़ स्क्रिप्ट टीम, बिलासपुर)

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