बिलासपुर, 02 जून 2025।
एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) द्वारा बिलासपुर जिले के ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सैकड़ों लोग अब अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं और स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं। विशेषकर बीपीएल कार्डधारी परिवारों के लिए यह केंद्र एक वरदान साबित हो रहा है, जहां उन्हें पूरी तरह निःशुल्क प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इन दिनों कोनी स्थित प्रशिक्षण केंद्र में राज मिस्त्री कार्य का एक माह का प्रशिक्षण चल रहा है, जिसमें 22 महिलाएं भाग ले रही हैं। ये महिलाएं न केवल दीवारें खड़ी कर रही हैं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और भविष्य की भी मजबूत नींव रख रही हैं।
ग्राम तुर्काडीह की श्रीमती ममता यादव और गायत्री खांडे ने बताया कि उन्हें यहां तकनीकी और व्यावसायिक ज्ञान के साथ आत्मबल भी मिल रहा है। ममता कहती हैं, “कभी सोचा नहीं था कि हम जैसी ग्रामीण महिलाएं भी इस तरह का प्रशिक्षण ले सकेंगी। अब हम खुद काम कर सकते हैं और दूसरों को भी सिखा सकते हैं।”
वहीं, ग्राम मानिकपुरी की श्रीमती शांता मरावी ने कहा कि वह खुद की आजीविका अर्जित करना चाहती थीं और जैसे ही उन्हें स्व सहायता समूह के माध्यम से इस प्रशिक्षण की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत जुड़ने का निर्णय लिया। शांता बताती हैं, “यहां रहने-खाने की सुविधा बिल्कुल मुफ्त है, जिससे हम निश्चिंत होकर प्रशिक्षण प्राप्त कर पा रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद हम अपने गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कार्यों में रोजगार पा सकेंगे।”
संस्थान के निदेशक श्री नरेंद्र साहू ने बताया कि केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बीपीएल परिवारों को तकनीकी और व्यवसायिक रूप से दक्ष बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यहां 18 वर्ष से अधिक आयु के बेरोजगार युवक और महिलाएं विभिन्न ट्रेडों जैसे दर्जी कार्य, ब्यूटी पार्लर, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, बेकिंग, कुकिंग, बागवानी, ज्वेलरी मेकिंग और मोबाइल रिपेयरिंग में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को बैंक ऋण से जोड़ा जाता है ताकि वे स्वरोजगार स्थापित कर सकें। संस्थान हर वर्ष 1000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करता है और तकनीकी सहयोग प्रशिक्षण के बाद भी जारी रहता है।
यह संस्थान केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को जमीनी स्तर पर साकार कर रहा है। अब ग्रामीण महिलाएं भी निर्माण कार्यों में भागीदारी निभा रही हैं, जिससे गांवों में महिलाओं के प्रति नजरिए में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
इस प्रशिक्षण से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि वे देश की आर्थिक प्रगति में भी सक्रिय भागीदार बन रही हैं।

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