बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को जारी किया परिपत्रसार्वजनिक उपक्रमों और तेल-गैस कंपनियों को एक रुपए प्रति वर्गमीटर की रियायती दर पर दी जाएगी ज़मीन

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बिलासपुर, 15 मई 2025:
राज्य शासन ने नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु बायो-सीएनजी संयंत्रों की स्थापना के लिए अहम पहल करते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी इस निर्देश में विगत 17 अप्रैल को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए भूमि आबंटन की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से शुरू करने को कहा गया है।

परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शासकीय तेल एवं गैस विपणन कंपनियों को अधिकतम 10 एकड़ तक की शासकीय भूमि बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए दी जाएगी, वह भी रियायती दर—सिर्फ एक रुपए प्रति वर्गमीटर पर। यह भूमि अधिकतम 25 वर्षों की लीज पर दी जाएगी।

इस निर्णय का उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों में जैविक कचरे और कृषि अपशिष्ट के वैज्ञानिक तरीके से निपटान को बढ़ावा देना है, जिससे स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरणीय संरक्षण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में बायो-सीएनजी उत्पादन को प्रोत्साहन मिल सके।

राज्य शासन ने संबंधित नगरीय निकायों और नगरीय प्रशासन विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है, ताकि संयंत्रों की स्थापना में कोई बाधा न आए और निवेश को तेजी से जमीन पर उतारा जा सके।


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