नीतिगत मामलों में आवश्यक संशोधन के लिए सीएमडी ने दिया आश्वासनकोरबा और रायगढ़ क्षेत्र में पुनर्वास के एवज में मिलेगा अतिरिक्त 3 लाख रुपएऊर्जाधानी संगठन के साथ SECL के सीएमडी और बोर्ड मेंबर्स की उच्च स्तरीय बैठक

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यहाँ आपकी दी गई जानकारी पर आधारित एक न्यूज़ पोर्टल के लिए तैयार न्यूज़ स्क्रिप्ट प्रस्तुत है:


छत्तीसगढ़/बिलासपुर:
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) मुख्यालय बिलासपुर में भूविस्थापितों की 12 सूत्रीय मांगों और अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में SECL के सीएमडी श्री हरीश दुहन, डायरेक्टर टेक्निकल (पीपी) एन फ्रेंकलिन जयकुमार, डायरेक्टर पर्सनल श्री बिरंचि दास, जीएम भू-राजस्व, जीएम श्रम शक्ति सहित सभी संबंधित विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

यह बैठक ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप के नेतृत्व में आयोजित की गई थी। समिति ने 1 अप्रैल को मांगपत्र सौंपने के साथ जोरदार प्रदर्शन किया था और 16 अप्रैल को कोरबा, दीपका, कुसमुंडा, रायगढ़ क्षेत्र में अभूतपूर्व आंदोलन कर खदानों को ठप कर दिया था। इस दबाव के चलते SECL प्रबंधन को वार्ता के लिए बाध्य होना पड़ा।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:

  • परियोजना स्तर पर पुनर्वास कमेटी का गठन किया जाएगा, जो क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान में सहायक होगी।
  • केंद्रीय पुनर्वास नीति 2013 लागू करने के लिए पहल की जाएगी।
  • अर्जन के बाद जन्मे और पुराने रोजगार मामलों पर लीगल ओपिनियन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
  • वनभूमि और सरकारी भूमि पर बसे परिवारों की जांच कर उन्हें अधिकार दिलाया जाएगा।
  • आउटसोर्सिंग में 80% भर्ती सुनिश्चित करने के लिए NIT में संशोधन होगा।
  • स्वयं सहायता समूहों और कोपरेटिव सोसायटियों के लिए कौशल उन्नयन और स्वरोजगार योजना चलाई जाएगी।
  • PAP ठेका कार्य की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जाएगी।
  • पुनर्वास ग्रामों का सर्वे कराकर विकास कार्य कराए जाएंगे।
  • जिला खनिज न्यास मद से पंचायतों के माध्यम से कार्य करवाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
  • ठेका श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा, वेतन, मेडिकल सुविधा आदि के लिए सख्त निरीक्षण और कार्रवाई की जाएगी।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के लिए गांव-गांव मेडिकल कैम्प और DAV स्कूलों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
  • तीसरी पीढ़ी के बाद रोजगार बंद करने की नीति में भी संशोधन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस बैठक में कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, रायगढ़, हसदेव, चिरमिरी और सोहागपुर क्षेत्र से आए 47 भूविस्थापित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि भूविस्थापित कॉपरेटिव के लिए पेट्रोल पंप और मसाला उद्योग जैसी योजनाओं पर भी चर्चा हुई है, जिससे स्थानीय परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

यह बैठक भूविस्थापितों की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है।


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