बिलासपुर, 16 जून 2025 – छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से जुड़े 31 मामलों की सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सचिव श्रीमती किरण कुजुर व सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया की उपस्थिति में जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा कक्ष में यह जनसुनवाई आयोजित की गई। प्रदेश स्तर पर यह 325वीं तथा बिलासपुर जिले में 18वीं सुनवाई थी।
महिलाओं का अपमान करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
एक प्रकरण में आयोग ने ए.डी.एम. बिलासपुर को पत्र भेजते हुए निर्देशित किया है कि महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। संबंधित प्रकरण में अनावेदक के विरुद्ध विभागीय व आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत दर्ज है, परन्तु कार्रवाई लंबित है। स्थानीय समिति से जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
फर्जी पुलिस बनकर विवाह करने वाला युवक चिह्नित, सुलहनामा पर बनी सहमति
दूसरे मामले में एक युवक ने स्वयं को आरक्षक बताकर महिला से धोखे से विवाह किया। इस पर आयोग ने दोनों पक्षों को लिखित सुलहनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। आयोग इस प्रकरण की निगरानी छह माह तक ‘सखी सेंटर’ के माध्यम से करेगी।
दूसरी शादी करने वाले शिक्षक पर गिरी गाज
उसलापुर शासकीय स्कूल के शिक्षक द्वारा अवैध रूप से दूसरी शादी करने के मामले में आयोग ने मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी को आरोपी शिक्षक को तत्काल निलंबित करने की अनुशंसा करने का निर्णय लिया है। साथ ही उनकी सेवा पुस्तिका की प्रमाणित प्रति 15 दिन के भीतर आयोग में प्रस्तुत करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। अगले महीने रायपुर में इस मामले की सुनवाई होगी।
अन्य मामलों में भी दिए महत्त्वपूर्ण निर्देश
एक प्रकरण में महिला द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर आयोग ने मुख्य पोस्ट मास्टर को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसमें दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
शिकायतकर्ता के लंबित वेतन व बेटी की पढ़ाई हेतु फीस संबंधी समस्या पर संबंधित अधिकारियों से शीघ्र निर्णय लेने को कहा गया है।
जमीन विवाद व सामाजिक बहिष्कार से जुड़े मामलों में आपसी सहमति या तहसील स्तर पर निपटारे के चलते प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए।
आयोग का सख्त रुख जारी
आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिला उत्पीड़न, धोखाधड़ी, सामाजिक बहिष्कार या अधिकारों का हनन करने वाले किसी भी व्यक्ति अथवा अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। अगली सुनवाई अगस्त 2025 में रायपुर में होगी।