बिलासपुर ट्रैफिक अव्यवस्था और अवैध वसूली पर उठे सवाल, जिम्मेदारों की चुप्पी चिंताजनक

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नगर रिपोर्टर वहीदुल्ला खान

बिलासपुर, 18 जुलाई:
सिम्स अस्पताल के पीछे ट्रैफिक पुलिस द्वारा आम नागरिकों को रोककर की जा रही चेकिंग और अवैध वसूली को लेकर शहरवासियों में आक्रोश है। आरोप है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील इलाके के सामने जहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, वहां व्यवस्था सुधारने की बजाय कुछ दूरी पर चेकिंग अभियान चलाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जवानों की तैनाती नहीं की जा रही है, जबकि ट्रैफिक नियंत्रण की सबसे अधिक आवश्यकता वहीं होती है। इसके उलट, जब चेकिंग और वसूली की बात आती है, तो अचानक 5 से 6 जवान एक साथ सक्रिय नजर आते हैं। यह व्यवहार सवाल खड़े करता है कि क्या ट्रैफिक प्रबंधन के नाम पर केवल जुर्माना वसूलना ही प्राथमिकता बन गई है?

ट्रैफिक पुलिस की ओर से बेरिकेट्स का इस्तेमाल कर जगह-जगह रास्ता रोका जा रहा है, जिससे जाम की स्थिति और भी गंभीर हो रही है। लोगों का मानना है कि शासन का लाखों-करोड़ों रुपया बेरीकेट्स पर खर्च कर फिजूल में बर्बाद किया जा रहा है, जबकि जरूरत ट्रैफिक जवानों की सक्रिय तैनाती की है।

शहरवासियों ने मांग की है कि ट्रैफिक विभाग के अधिकारी इस स्थिति का संज्ञान लें और प्रत्येक व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक जवानों की नियमित तैनाती सुनिश्चित करें। साथ ही, उन जवानों पर सख्त कार्रवाई हो जो अवैध वसूली में लिप्त पाए जाते हैं।

यदि समय रहते ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। आम जनता उम्मीद कर रही है कि ट्रैफिक विभाग जवाबदेही दिखाएगा और शहर की सड़कों पर कानून का राज बहाल करेगा।

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