जल को संसाधन नहीं, संस्कार मानें: उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव     छत्तीसगढ़ बना शहरी जल पुनर्भरण की पहल करने वाला पहला राज्य

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बिलासपुर, 21 मई 2025 – उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने पं. दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) के शुभारंभ अवसर पर रायपुर में आयोजित कार्यशाला में कहा कि जल सिर्फ उपयोग की वस्तु नहीं, बल्कि संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने जल संरक्षण की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता जताई।

कार्यशाला में ‘वाटरमैन’ श्री राजेन्द्र सिंह ने छत्तीसगढ़ को शहरी जल पुनर्भरण की दिशा में अग्रणी राज्य बताते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन का संतुलन भविष्य की पीढ़ियों के लिए जरूरी है।

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों, कॉलोनाइजर्स, उद्योग समूहों, वैज्ञानिकों और स्वयंसेवी संगठनों ने भू-जल व वर्षा जल संरक्षण पर विचार साझा किए। गुजरात सूरत के नवाचारों और रायपुर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

डॉ. विपिन दुबे और डॉ. के. पाणिग्रही ने बताया कि यदि केवल 30% वर्षा जल का संरक्षण किया जाए तो रायपुर की जल समस्या सुलझ सकती है।

कार्यशाला में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी, सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति और सीएमओ सहित बड़ी संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए।


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