महर्षि यूनिवर्सिटी पर 10.50 एकड़ जमीन के फर्जी बिक्री का आरोप, NSUI ने की कार्रवाई की मांग

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बिलासपुर: NSUI के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने कलेक्टर अविनाश शरण को ज्ञापन सौंपते हुए महर्षि यूनिवर्सिटी प्रशासन पर शासन से आवंटित शैक्षणिक भूमि की फर्जी बिक्री का गंभीर आरोप लगाया है।

मुख्य बिंदु:

  • 2002-03 में कांग्रेस शासन के दौरान शिक्षा के लिए आवंटित 38 एकड़ भूमि में से 10.50 एकड़ फर्जी तरीके से बेचे जाने का दावा।
  • NSUI के अनुसार, भूमि बिक्री के दस्तावेज उपलब्ध, जांच में सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।
  • UGC और सरकार के साथ धोखाधड़ी का आरोप, यूनिवर्सिटी की मान्यता समाप्त करने की मांग
  • घोटाले में शामिल अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की अपील

NSUI ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए तत्काल कार्रवाई की चेतावनी दी है।

  • मान्यता समाप्त करने उच्च स्तरीय जांच की मांग
  • * कहां शासन से शिक्षा के लिए मिली जमीन को बेचने का अरोप
  • बिलासपुर एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने कलेक्टर अविनाश शरण के नाम ज्ञापन सौपा महर्षि यूनिवर्सिटी प्रशासन पर शासन से शैक्षणिक कार्य के लिए जमीन बेचने का गंभीर आरोप लगाया है पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में एनएसयूआई के प्रदेश सचिव ने कहा 2002 2003 में कांग्रेस शासन दौरान महर्षि शिक्षण संस्थान को शिक्षा के उद्देश्य के लिए शासन ने जमीन आवंटित की थी 2020 शतॅ दी गई 38 एकड़ जमीन में से करीब 10.50 एकड़ जमीन अलग-अलग लोगों को फर्जी तरीके से भेज दी गई दवा है उनके पास इस जमीन की बिक्री से संबंधित दस्तावेज मौजूद है जिन्हें वे जांच के दौरान सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे उन्होंने कलेक्टर से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की एन एस यू आई ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर नियमों के उल्लंघन और शान यूजीसी यूनिवर्सिटी गॉड्स कमिशन और सरकार के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है विश्वविद्यालय की मान्यता को तत्काल समाप्त करने एवं इस घोटाले में शामिल जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है

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