 सिम्स को एमबीबीएस सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश की मिली मान्यता, छात्रों के लिए बड़ी सौगात

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बिलासपुर, 11 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स), बिलासपुर को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) द्वारा 150 सीटों पर मान्यता प्रदान की गई है। एनएमसी द्वारा यह स्वीकृति आज, 11 जुलाई 2025 को जारी पत्र के माध्यम से प्रदान की गई।

सिम्स, बिलासपुर संभाग का प्रमुख चिकित्सा शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा संस्थान है, जो अपने उच्चस्तरीय ओपीडी, आईपीडी सेवाओं और जटिल रोगों के इलाज की क्षमताओं के लिए विख्यात है। कैंसर, ट्यूमर, अस्थिरोग, दंतरोग, नेत्र ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में संस्थान ने उल्लेखनीय कार्य किया है, जिससे आम जनमानस में इसकी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा में इज़ाफा हुआ है।

सत्र 2025 की मान्यता का आधार
NMC की निरीक्षण टीम द्वारा 18 जून 2025 को संस्थान का निरीक्षण किया गया, जिसमें सिम्स के अधिष्ठाता एवं चिकित्सा अधीक्षक की उपस्थिति में संस्थान की व्यवस्थाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। मान्यता मिलने में निम्न प्रमुख बिंदुओं की भूमिका रही:

प्रतिदिन औसतन 2000 से अधिक मरीजों की ओपीडी

85% तक रोगी भर्ती दर

शल्य चिकित्सा की संख्या

आधुनिक जांच-परीक्षण सुविधाएं

बेहतर हॉस्टल व्यवस्था

शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर

हालांकि फैकल्टी और रेज़िडेंट डॉक्टरों की संख्या में कमी को निरीक्षण में चिन्हित किया गया, जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार नियमित नियुक्तियाँ कर रही है और सिम्स प्रबंधन संविदा आधारित नियुक्तियों के माध्यम से आवश्यक पूर्ति कर रहा है।

वर्तमान में संस्थान में 150 एमबीबीएस और 68 पीजी (एमडी/एमएस) सीटों पर शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित हैं। नए सत्र के लिए मान्यता मिलना अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि एवं अवसर है।

यह उपलब्धि न केवल सिम्स के लिए गर्व का विषय है, बल्कि बिलासपुर व समूचे छत्तीसगढ़ के लिए भी एक बड़ी सौगात है।

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