विकास के नाम पर फेल और फंड के अभाव में बिलासपुर की ग्राम पंचायत उमरिया

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बिलासपुर (समाचार डेस्क)। बिलासपुर जिले की ग्राम पंचायत उमरिया में विकास कार्य ठप पड़े हैं। वर्तमान सरपंच राजेश मेहर के कार्यकाल में गाँव की तस्वीर नहीं बदल सकी है। पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का अभाव आज भी बना हुआ है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गांव में सीसी रोड का अभाव है, जिसके चलते बारिश के दिनों में कीचड़ और फिसलन आम बात है। नाली निर्माण का कार्य भी अधूरा पड़ा है, जिससे गंदा पानी सड़कों पर बहता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पंचायत भवन जर्जर स्थिति में है और समिति की दुकान भी जर्जर अवस्था में है, जिससे खाद्यान्न व अन्य सामग्री का उचित भंडारण संभव नहीं हो पा रहा है। इस कारण ग्रामीणों को राशन मिलने में दिक्कतें होती हैं।

विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खेल मैदान तक की व्यवस्था नहीं है, जिससे उनकी खेल गतिविधियाँ बाधित हो रही हैं। वहीं नल-जल योजना का कार्य भी अधूरा है, जिसके कारण गांव में पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। ग्रामीणों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है।

मनरेगा के अंतर्गत जो भी कार्य शुरू किए गए थे वे भी अधूरे पड़े हैं। रोजगार की गारंटी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है, जिससे मजदूर वर्ग प्रभावित हो रहा है।

ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। फंड के अभाव का हवाला देकर विकास कार्यों को लगातार टाला जा रहा है। ग्राम पंचायत उमरिया आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।

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