गेवरा//कोरबा:
ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों ने सोमवार सुबह 8 बजे से एसईसीएल गेवरा के क्षेत्रीय मुख्यालय का घेराव कर दोनों गेट पर जाम लगा दिया। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों के इस विरोध प्रदर्शन के चलते दिनभर कार्यालय का कामकाज ठप रहा। कर्मचारियों और अधिकारियों को मुख्यालय में प्रवेश नहीं मिल सका।



ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी लंबित मांगों का समाधान जल्द नहीं किया गया तो वे खदान से मिट्टी और कोयले का उत्खनन व परिवहन पूरी तरह बंद करा देंगे। इस चेतावनी के साथ उन्होंने फिलहाल आज का आंदोलन समाप्त किया है।
क्या है ग्रामीणों की मांगें?
एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा ग्राम नराईबोध की भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2009-10 में किया गया था। अब जाकर वहां स्थित मकानों एवं परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किया गया है, परंतु ग्रामीणों का आरोप है कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की दरों की अनदेखी करते हुए मुआवजा राशि कम निर्धारित की गई है। साथ ही पुनर्वास के लिए अब तक कोई स्थल चयनित नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों में असुरक्षा और नाराजगी है।
गौरतलब है कि इसी मुद्दे पर 19 मई 2025 को भी ग्रामीणों ने खदान बंद कर आंदोलन किया था। उस समय एसईसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया था कि मुआवजे में यदि कोई विसंगति पाई जाती है तो उसका सुधार किया जाएगा तथा 31 मई 2025 से पूर्व पुनर्वास स्थल को लेकर त्रिपक्षीय बैठक होगी। मौखिक रूप से यह भी कहा गया था कि गांव में कैम्प लगाकर परिसंपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन कर ग्रामीणों को दिखाया जाएगा।
लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक प्रबंधन द्वारा कोई भी आश्वासन पूरा नहीं किया गया है, जिससे वे पुनः आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं।
ग्राम समिति ने आंदोलन तेज करने का लिया निर्णय
गांव में वार्ड पार्षद व ग्रामीणों के साथ मिलकर समिति का गठन किया गया है। समिति ने निर्णय लिया है कि यदि 10 जून 2025 तक कोई समाधान नहीं मिलता है तो गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर गेट बंदी की जाएगी। यदि तब भी मांगें नहीं मानी गईं तो 11 जून 2025 से सम्पूर्ण गेवरा खदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
प्रबंधन का नया लिखित आश्वासन
आंदोलन के बीच प्रबंधन की ओर से लिखित आश्वासन दिया गया कि आगामी 15 जून 2025 को ग्राम नराईबोध में ही त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें राजस्व विभाग, एसईसीएल प्रबंधन और ग्रामवासियों की उपस्थिति में सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद फिलहाल ग्रामीणों ने आज का आंदोलन समाप्त किया।

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