कोरबा, छत्तीसगढ़ | 9 जून 2025:
कोरबा जिले के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र में भाजपा नेत्री ज्योति महंत और उनके सहयोगियों द्वारा एक आदिवासी किसान के साथ कथित मारपीट और जातिगत अपमान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तत्काल कार्रवाई की माँग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र और निष्पक्ष कार्यवाही नहीं हुई तो जिला स्तर पर उग्र जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।



क्या है मामला?
7 जून 2025 को ग्राम बरेडिमुड़ा निवासी आदिवासी किसान बलवंत सिंह कंवर के साथ भाजपा नेत्री ज्योति महंत और उनके साथियों ने रावणभाठा मैदान मार्ग पर अभद्र भाषा एवं जातिगत टिप्पणी करते हुए मारपीट की। आरोप है कि पीड़ित किसान को जबरन घसीटते हुए थाना परिसर लाया गया, जहाँ पुलिस की मौजूदगी में भी दुर्व्यवहार और मारपीट जारी रही।
घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें भाजपा नेत्री के जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग साफ सुना जा सकता है। सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही और कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
इतना ही नहीं, पीड़ित किसान से 4500 रुपये वसूली के आरोप भी लगे हैं। समाज का आरोप है कि बांकीमोंगरा थाना अब न्याय का केंद्र न होकर राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है।
सर्व आदिवासी समाज की प्रमुख माँगें:
1. भाजपा नेत्री ज्योति महंत एवं सहयोगियों पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की संगत धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
2. पीड़ित आदिवासी किसान को पुलिस सुरक्षा, चिकित्सा सहायता एवं एक लाख रुपये मुआवजा तत्काल प्रदान किया जाए।
3. घटना के समय की थाना परिसर की समस्त सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए एवं जांच में शामिल किया जाए।
4. बांकीमोंगरा थाना की कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
राजनीतिक रंग भी गहराया
इस घटना ने सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है। रामपुर के कांग्रेस विधायक फूल सिंह राठिया ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कार्रवाई की माँग की है। दूसरी ओर, भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष के साथ भाजपा नेत्री ज्योति महंत एवं उनके समर्थक एसपी कार्यालय पहुँचकर सफाई देते एवं बचाव की कोशिश करते नजर आए।
सर्व आदिवासी समाज की चेतावनी
समाज ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो जिला स्तर पर उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। “यह हमला केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की अस्मिता पर हमला है। हम यह अपमान सहन नहीं करेंगे,” समाज के प्रतिनिधियों ने कहा।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
सर्व आदिवासी समाज ने सवाल उठाए हैं कि क्या छत्तीसगढ़ पुलिस अब राजनीतिक दबाव में आकर कानून का मखौल उड़ाने वालों का संरक्षण कर रही है?

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