रेत माफियाओं का आतंक: पेट्रोलिंग पर निकले आरक्षक की निर्मम हत्या, प्रशासन पर उठे सवाल

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बलरामपुर (छत्तीसगढ़):
छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा पर रेत माफियाओं का आतंक चरम पर पहुंच गया है। जिले के सनावल थाना क्षेत्र अंतर्गत लिब्रा गांव में अवैध रेत खनन की सूचना पर पेट्रोलिंग पर निकली पुलिस टीम पर माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में एक आरक्षक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन और रेत माफियाओं के कथित गठजोड़ को भी उजागर किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, लिब्रा गांव में कन्हर नदी के किनारे अवैध रेत खनन की शिकायत पर पुलिस टीम मौके पर गई थी। कार्रवाई के दौरान रेत माफियाओं ने टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें एक आरक्षक की जान चली गई।

घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से कन्हर नदी में अवैध रेत उत्खनन चल रहा है, जिसकी शिकायतें बार-बार प्रशासन को दी गई थीं। बावजूद इसके माफियाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब जब पुलिस पर ही हमला हो गया है, तो ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

सनावल वही क्षेत्र है, जो राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम का गृहग्राम भी है। इसके बावजूद रेत माफिया बेखौफ नजर आ रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने मंत्री से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

इस बीच, जिला पंचायत सदस्य ने मामले में पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई अधिकारी रेत माफियाओं से उगाही में लिप्त हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई होती, तो आज एक जवान की जान न जाती।

घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर, एसपी, और डीएफओ सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसपी ने बताया कि एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। मामले की जांच तेज कर दी गई है।

यह घटना न सिर्फ एक जवान की शहादत का मामला है, बल्कि पूरे प्रदेश में रेत माफिया और प्रशासनिक तंत्र की सांठगांठ पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

(न्यूज़ स्क्रिप्ट – न्यूज़ पोर्टल हेतु तैयार)


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