सफलता की कहानी : अनीता गंधर्वईंट, सीमेंट और गारे से गढ़ी खुद की तकदीरपुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में बनाई अलग पहचान, बनीं लखपति दीदी

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बिलासपुर, 26 अप्रैल।
कोटा ब्लॉक के मिट्ठू नवागांव की अनीता गंधर्व आज गांव की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। जहां कभी राज मिस्त्री का कार्य सिर्फ पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था, वहीं अनीता ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई है। आज अनीता ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि बिहान योजना के जरिए ‘लखपति दीदी’ भी बन चुकी हैं।

कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली अनीता का जीवन 2019 में बदलने लगा, जब उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना के तहत वंदना महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ाव किया। समूह के माध्यम से उन्हें जरूरी ऋण सुविधा मिली और इसके साथ ही ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र, कोनी से उन्होंने नि:शुल्क राज मिस्त्री का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

प्रशिक्षण के बाद काम ढूंढना आसान नहीं था। अनीता बताती हैं कि शुरुआत में लोगों ने महिला राज मिस्त्री को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में शौचालय निर्माण के दौरान उन्हें मौका मिला। बिहान टीम, समूह की दीदियों और ग्राम पंचायत के सहयोग से अनीता ने यह कार्य बखूबी निभाया। इसके बाद नल-जल योजना और 15 ग्रामीण आवासों के निर्माण का कार्य भी उनके हिस्से आया।

राज मिस्त्री के काम के साथ ही अनीता ने समूह से मिले CIF और बैंक लोन की सहायता से होटल और गुपचुप चाट व्यवसाय भी शुरू किया। इस तरह कई स्रोतों से आजीविका अर्जित कर वह लखपति दीदी बन गई हैं। अनीता ने अपने घर का निर्माण भी स्वयं किया, जिससे आर्थिक बचत भी हुई।

आज अनीता का आत्मविश्वास गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रहा है। वे चाहती हैं कि अन्य महिलाएं भी इस कार्य को सीखें और आत्मनिर्भर बनें। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और बिहान योजना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अनीता कहती हैं कि इस योजना ने उनके सपनों को नई उड़ान दी है।


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