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हेडलाइन:
“मग्गू सेठ” की मुश्किलें बढ़ीं: अपराध की कमाई से संपत्ति अर्जन का आरोप, ED और पुलिस जांच की मांग तेज
इंट्रो:
रायगढ़ में कुख्यात विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हत्या, जबरन वसूली और जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप झेल चुके मग्गू सेठ पर अब “Proceeds of Crime” के तहत कार्रवाई की मांग उठने लगी है।
मुख्य खबर:
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मग्गू सेठ की संपत्तियों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। Enforcement Directorate (ED) और पुलिस से मांग की जा रही है कि इन संपत्तियों की जांच की जाए और अगर वे अपराध से अर्जित पाई जाएं, तो उन्हें जब्त किया जाए।
क्या है मामला?
वर्ष 2009 से 2024 के बीच मग्गू सेठ पर हत्या, जबरन वसूली, और आदिवासी जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री से कब्जा जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बावजूद उन्होंने प्रॉपर्टी, क्रेशर और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में मजबूत पकड़ बना रखी है।
विशेष रूप से पहाड़ी कोरवा समुदाय की जमीनें हथियाने का मामला स्थानीय लोगों में आक्रोश का कारण बना है। जानकारों का कहना है कि यह “Power की आड़ में जमीन कब्जाने” का क्लासिक उदाहरण है।
कानूनी पहलू:
PMLA, 2002 के अनुसार, अपराध से प्राप्त संपत्ति को “Proceeds of Crime” माना जाता है। अगर ये संपत्तियां फर्जी कंपनियों, बेनामी नामों या अघोषित आय से खरीदी गई हैं, तो ED उन्हें जब्त कर सकती है। साथ ही Benami Transactions Act के तहत भी कार्रवाई संभव है।
संदेह की मुख्य वजहें:
- लंबा आपराधिक इतिहास: 15 सालों से अपराधों में सक्रिय लेकिन घोषित आय नहीं।
- आदिवासी जमीनों की हड़प: पहाड़ी कोरवा समुदाय की जमीनों पर अवैध कब्जे के आरोप।
- प्रशासनिक मिलीभगत: बेनामी संपत्ति और संपत्ति छुपाने की संभावित साजिश।
संभावित कार्रवाई:
- ED द्वारा संपत्ति अटैचमेंट
- आयकर विभाग की छापेमारी
- मनी लॉन्ड्रिंग के तहत PMLA केस
- फर्जी नामों पर दर्ज संपत्तियों की जब्ती
स्थानीय प्रतिक्रिया:
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और आदिवासी समुदाय ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। एक कार्यकर्ता ने कहा, “यह सिस्टम के दुरुपयोग का मामला है। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अपराधियों को खुली छूट देने जैसा होगा।”
फिलहाल की स्थिति:
पुलिस और ED की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, जांच की तैयारी चल रही है। अगर जांच शुरू होती है, तो यह रायगढ़ में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जाएगा।
(रायगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट | [आपके पोर्टल का नाम])

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