रतनपुर। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य नीरज जायसवाल ने रतनपुर में महामाया मंदिर ट्रस्ट को लेकर उठे विवादों के बीच संतुलित और सकारात्मक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने वर्षों की मेहनत से महामाया मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से न केवल मंदिर बल्कि पूरे नगर का नाम रोशन किया है। नगर को मिली कई सौगातों एवं सुविधाओं का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ पूरे रतनपुरवासियों को मिल रहा है, जिससे अनेक लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है।
नीरज जायसवाल ने सवाल उठाया कि रतनपुर में सैकड़ों अन्य प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन उनके जीर्णोद्धार के लिए अब तक किसी ने पहल क्यों नहीं की? उन्होंने सुझाव दिया कि रतनपुरवासी मिलकर ऐसे मंदिरों के पुनर्निर्माण हेतु नए ट्रस्ट की स्थापना करें और इस नेक कार्य में आगे आएं।
महामाया कुंड में हुए कछुआ प्रकरण पर उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे महामाया मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ नहीं हैं और न ही कभी रहेंगे, लेकिन यदि किसी कारणवश ट्रस्ट को भंग किया जाता है, तो फिर पूरे रतनपुर के मंदिरों को प्रशासनिक व्यवस्था के अधीन लाया जाए, केवल एक मंदिर को नहीं।
उन्होंने गिरजाबंद, रामटेकरी भैरव बाबा, श्री लखनी देवी, जगन्नाथ जी, श्री सिद्धिविनायक सहित अन्य प्रमुख मंदिरों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी की देखरेख की जिम्मेदारी भी प्रशासन को लेनी चाहिए।
अंत में नीरज जायसवाल ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि रतनपुर के किसी भी गणमान्य नागरिक द्वारा अन्य मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए ट्रस्ट बनाया जाता है, तो वे न सिर्फ उस पहल का समर्थन करेंगे बल्कि ₹50,000 की अग्रिम सहायता राशि भी प्रदान करेंगे।
“जय रतनपुर, जय महामाया” के नारे के साथ उन्होंने समाज को एक सकारात्मक दिशा में सोचने और कार्य करने का संदेश दिया।