बेचने को धान नहीं, फिर भी कटवा लिए टोकन: सत्यापन में खुलासा

Agriculture

बिलासपुर, 17 जनवरी 2025 – धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन की सख्ती जारी है। सत्यापन के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जहां किसानों के पास बेचने के लिए धान नहीं था, फिर भी बड़ी मात्रा में टोकन कटवाए गए थे। प्रशासन ने ऐसे मामलों में किसानों की सहमति से रकबा समर्पण कराया है। कलेक्टर के निर्देश पर सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

नेवरा में 386 क्विंटल धान का टोकन, मात्र 100 क्विंटल मिला
ग्राम नेवरा में तहसीलदार सकरी और नायब तहसीलदार गनियारी ने भौतिक सत्यापन किया। किसान रामनारायण ने 386 क्विंटल धान बेचने का टोकन कटवाया था, लेकिन सत्यापन में केवल 100 क्विंटल धान पाया गया। शेष 286 क्विंटल का रकबा समर्पण कराया गया।

गनियारी और लिम्हा में भी गड़बड़ी

  • गनियारी के किसान छोटेलाल ने 75 क्विंटल धान का टोकन कटवाया था, जबकि मौके पर केवल 20 क्विंटल धान मिला। 55 क्विंटल का रकबा समर्पण कराया गया।
  • ग्राम लिम्हा के किसान शुकवार सिंह ने 100 क्विंटल धान का टोकन कटवाया, पर सत्यापन में केवल 29.6 क्विंटल धान मिला। शेष धान के लिए रकबा समर्पण हुआ।

पुराना और खराब धान जप्त
कोटा के पिपरतराई केंद्र में सत्यापन के दौरान रम्हाई पिता खोरबहरा द्वारा विक्रय के लिए लाया गया 59 बोरी धान पुराना और खराब पाया गया। यह धान जप्त कर समिति प्रबंधक को सौंपा गया और इसे 31 जनवरी 2025 के बाद मुक्त करने के निर्देश दिए गए।

बेलगहना क्षेत्र में भी अनियमितता

  • मझगवा के किसान जाहिरत सिंह ने 160 क्विंटल धान का टोकन कटवाया था, लेकिन सत्यापन में धान उपलब्ध नहीं पाया गया।
  • कटरा के किसान रवि प्रकाश ने 300 क्विंटल धान का टोकन कटवाया, पर मौके पर धान मौजूद नहीं था।

प्रबंधन पर कड़ी नजर
सभी मामलों में संबंधित सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधकों को रकबा समर्पण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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