 अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य दीनानाथ साहू को इंग्लैंड में मिला ‘बेस्ट मेडिकल एस्ट्रोलॉजर’ का सम्मान 

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रायपुर/लंदन।
दिनांक 19 से 31 जुलाई 2025 तक आयोजित 39वां अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन इंग्लैंड (लंदन, मैनचेस्टर, बर्मिंघम), स्कॉटलैंड (एडिनबर्ग, ग्लासगो) और आयरलैंड (बेलफ़ास्ट, डबलिन) के विभिन्न शहरों में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हेडमास्टर एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ज्योतिषी श्री दीनानाथ साहू को वीवीआईपी गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया।

श्री साहू ने इस अवसर पर अंक ज्योतिष, चक्र विज्ञान, एवं चिकित्सा ज्योतिष पर आधारित अपने नवीनतम शोधपत्र प्रस्तुत किए। उनके शोध का मुख्य बिंदु था कि कैसे कुंडली में ग्रहों के प्रभाव और ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से व्यक्ति की गंभीर से गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने वैज्ञानिक आधारों के साथ यह सिद्ध किया कि चिकित्सा ज्योतिष के माध्यम से क्रॉनिक एवं असाध्य रोगों का सफल समाधान संभव है।

भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर श्री साहू की प्रस्तुतियाँ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध रहीं, जिससे सम्मेलन में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों एवं विशेषज्ञों ने उन्हें भरपूर सराहा।

सम्मेलन में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए श्री दीनानाथ साहू को सम्मानित करते हुए ‘बेस्ट मेडिकल एस्ट्रोलॉजर इन यूनाइटेड किंगडम’ का अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड प्रदान किया गया।

श्री साहू का दावा है कि उनकी चिकित्सा ज्योतिष संबंधी नवीनतम खोजों के माध्यम से न केवल बीमारियों को दूर किया जा सकता है, बल्कि आयु को भी 10 से 15 वर्ष तक पीछे खींचा जा सकता है — अर्थात बायोलॉजिकल एज और क्रॉनिकल एज में उल्लेखनीय अंतर लाया जा सकता है।

ज्ञात हो कि श्री साहू को पूर्व में ऑस्ट्रेलिया, गल्फ कंट्री, यूरोप, फ्रांस, जर्मनी, इटली सहित कई देशों से उनके वैज्ञानिक ज्योतिषीय शोधों हेतु अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर निवासी एवं स्व. लखन लाल साहू के सुपुत्र श्री दीनानाथ साहू, गरियाबंद ब्लॉक ऑफिस में वर्षों तक सेवा दे चुके हैं। इंग्लैंड से अवॉर्ड प्राप्त करने के बाद जब वे रायपुर लौटे, तो स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और पटाखों के साथ भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी सरिता साहू, पुत्री वैष्णवी साहू एवं पुत्र तोषेन्द्र साहू भी साथ उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव का विषय है, और पूरे प्रदेश में इस उपलब्धि को लेकर हर्ष और गर्व की लहर दौड़ रही है।

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