भूविस्थापितों के साथ अन्याय कर रहा है SECL प्रबंधन – AAP

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कोरबा:
कुसमुंडा परियोजना से विस्थापित परिवारों को अब तक न नौकरी मिली, न मुआवजा। फर्जी नियुक्तियों और प्रबंधन की अनदेखी के चलते भूविस्थापित परिवारों को शुक्रवार को GM कार्यालय के भीतर अर्धनग्न प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा।

इस मुद्दे पर प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,

> “SECL प्रबंधन की उदासीनता के चलते विस्थापित परिवारों को बार-बार अपमानित होना पड़ रहा है। फर्जी तरीके से दी गई नौकरियों के चलते असली हकदार आज दर-दर भटक रहे हैं। प्रबंधन को परिवारों के साथ न्याय करना चाहिए।”

महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश बघेल ने कहा,

> “अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने को मजबूर महिलाओं की पीड़ा देखकर SECL को शर्म आनी चाहिए। जब SECL यह दावा करता है कि सहमति और सत्यापन के बाद नौकरियां दी गई हैं, तो फिर इतने लोग क्यों ठगे गए? इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।”

प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला ने कहा,

> “प्रबंधन की नीति और कार्यशैली में भारी खामी है। महिलाओं का यह विरोध मौन नहीं रहेगा, यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और तेज़ होगा।”

प्रदेश सह-सचिव अनुष्का जोसेफ़ ने इस फर्जीवाड़े की परतें खोलते हुए बताया,

> “पुराने समय में राजस्व अधिकारियों और SECL अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन का टुकड़े-टुकड़े में सौदा कर फर्जी तरीके से नौकरियां दी गईं। जो लोग आज वंचित हैं, वही असल ज़मीन मालिक हैं। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।”

कोरबा लोकसभा अध्यक्ष प्रतिमा सिन्हा ने कहा,

> “SECL की पुनर्वास नीति से आज भी प्रभावित लोग वंचित हैं। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सभी वास्तविक भूविस्थापितों को रोजगार, मुआवजा और बसाहट के अधिकार दिए जाएं।”

आम आदमी पार्टी SECL से मांग करती है कि:

सभी वंचित भूविस्थापितों की सूची का सत्यापन कर उन्हें रोजगार दिया जाए।

पूर्व में हुई फर्जी नियुक्तियों की उच्च स्तरीय जांच हो।

विस्थापित परिवारों को त्वरित मुआवजा एवं पुनर्वास सुविधा दी जाए।

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