16 अप्रैल एसईसीएल बंद की तैयारी को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में बैठक सम्पन्न

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रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा सहित क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने हड़ताल को सफल बनाने का लिया संकल्प

कुसमुंडा/कोरबा:
एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पाली, पडनिया, जतराज, सोनपुरी और रिसदी के ग्रामीणों ने अपनी मूलभूत सुविधाओं, रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर 16 अप्रैल को प्रस्तावित एसईसीएल बंद को सफल बनाने के लिए एकजुटता दिखाई। पाली-पडनिया में आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने 1 अप्रैल को एसईसीएल मुख्यालय में सौंपे गए 12 सूत्रीय मांगों का समर्थन करते हुए आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की।

बैठक को संबोधित करते हुए ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने आंदोलन की आवश्यकता और उसके दूरगामी असर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में एक साथ आंदोलन होने से नीति-निर्धारण स्तर पर भूविस्थापितों को उनका हक मिलने की संभावना मजबूत होगी।

ग्राम पाली की सरपंच रमशीला कंवर ने किसानों के हित में आंदोलन को सफल बनाने की अपील की, वहीं उपसरपंच बलराम यादव ने एसईसीएल द्वारा किए जा रहे जबरन खनन विस्तार का विरोध किया।
वहीं दिलहरन सारथी ने बताया कि छोटे खातेदारों को रोजगार देने का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है, लेकिन प्रशासन और प्रबंधन फैसले का इंतजार किए बिना कार्यवाही कर रही है, जिसका जवाब अब आंदोलन के माध्यम से दिया जाएगा।

ग्रामीण नेता अशोक पटेल ने कहा कि भूविस्थापित एकजुट हैं और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष को तैयार हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी प्रभावित गांवों में जनजागरूकता अभियान चलाकर 16 अप्रैल की हड़ताल में अधिक से अधिक लोगों को शामिल कराया जाएगा। साथ ही, तय किया गया कि हजारों की संख्या में ग्रामीण खदान पहुंचकर उत्खनन कार्य को पूरी तरह से ठप करेंगे।

न्यूज़ स्क्रिप्ट: न्यूज़ पोर्टल हेतु विशेष रिपोर्ट


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